बरगी बांध जबलपुर का अनोखा डैम है, जहाँ ऊपर हाइवे और नीचे नहर बहती है। सिंचाई, बिजली और बाढ़ नियंत्रण में यह इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना है।
ऊपर हाइवे-नीचे नहर… इंजीनियरिंग का अनोखा नमूना है जबलपुर का बरगी बांध
बरगी बांध (Bargi Dam) जबलपुर की शान ही नहीं, बल्कि भारत की आधुनिक इंजीनियरिंग का नायाब नमूना भी है। नर्मदा नदी पर बना यह पहला बड़ा डैम है, जो अब 35 साल से भी ज्यादा पुराना हो चुका है। इस बांध की खासियत सिर्फ पानी रोकना ही नहीं है, बल्कि इसकी नहर और ऊपर से गुजरता राष्ट्रीय राजमार्ग भी है, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह जाता है।
बरगी बांध का इतिहास और निर्माण
बरगी बांध का निर्माण 1974 में शुरू हुआ और 1990 में यह पूरी तरह चालू हो गया। यह नर्मदा नदी पर बना पहला बहुउद्देश्यीय (Multipurpose) डैम है, जिसका उपयोग पीने के पानी, सिंचाई, बिजली उत्पादन, मत्स्य पालन और बाढ़ नियंत्रण के लिए किया जाता है।
बांध की ऊंचाई 69.8 मीटर और लंबाई 5.357 किलोमीटर है।
जलग्रहण क्षेत्र (Catchment Area) लगभग 14,556 वर्ग किलोमीटर है।
इसकी झील की लंबाई 75 किलोमीटर और चौड़ाई 4.5 किलोमीटर तक फैली है।
बांध में 21 गेट हैं, जिन्हें सेंट्रल कंट्रोल सिस्टम से संचालित किया जाता है।
नहर ने बदल दी तस्वीर – बंजर जमीन बनी हरी-भरी
बरगी बांध से निकली नहरों ने मध्यप्रदेश के कई जिलों की किस्मत बदल दी। पहले जहां खेतों में केवल मोटे अनाज उगाए जाते थे, वहीं आज किसान 12 महीने फसल ले रहे हैं।
दायीं ओर की नहर (Right Canal): लंबाई 197.4 किमी, सिंचाई 2.45 लाख हेक्टेयर।
बायीं ओर की नहर (Left Canal): लंबाई 137 किमी, सिंचाई 1.57 लाख हेक्टेयर।
इसी प्रोजेक्ट ने नर्मदा बेसिन को गंगा बेसिन से जोड़ा और सतना-मैहर जैसे सूखे इलाकों को हरा-भरा बना दिया।
बरगी बांध और बिजली उत्पादन
बरगी बांध सिर्फ सिंचाई ही नहीं करता बल्कि यहां से 105 मेगावाट बिजली भी पैदा की जाती है।
45-45 मेगावाट की दो यूनिट्स
नहरों पर लगी इकाइयों से 15 मेगावाट
भूकंप में भी अडिग रहा बरगी बांध
22 मई 1997 को जबलपुर में आए 6.2 रिक्टर स्केल के भूकंप में भी बरगी बांध को कोई नुकसान नहीं हुआ। IIT रुड़की और दिल्ली की टीम ने जांच की, लेकिन डैम पूरी तरह सुरक्षित पाया गया।
ऊपर हाइवे-नीचे नहर – अनोखा इंजीनियरिंग वंडर
बरगी बांध की सबसे बड़ी तकनीकी खूबसूरती है इसकी एक्वाडक्ट नहर।
यह नहर बांध से 25 किलोमीटर दूर नर्मदा नदी के ऊपर से गुजरती है।
इसके ऊपर से राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway) बनाया गया है, जहां से रोजाना वाहन गुजरते हैं।
नदी के ऊपर बनी इस नहर की लंबाई 300 मीटर है और यह नदी के तल से लगभग 100 फीट ऊपर बहती है।
इस स्ट्रक्चर को थामने के लिए 21 मजबूत पिलर बनाए गए हैं।
यह भारत की पहली ऐसी नहर थी जिसके ऊपर हाईवे बना और आज भी इसे देखकर इंजीनियरिंग पर गर्व होता है।
बरगी बांध – नर्मदा की धड़कन
बरगी बांध ने न सिर्फ जबलपुर बल्कि पूरे महाकौशल और विंध्य क्षेत्र की तकदीर बदल दी है। यह डैम खेती, बिजली, बाढ़ नियंत्रण और पर्यावरण संरक्षण का बेहतरीन उदाहरण है। सच में, ऊपर हाइवे और नीचे नहर वाला यह दृश्य इंजीनियरिंग का एक ऐसा करिश्मा है जिसे देखकर हर कोई दंग रह जाता है।
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